हरिद्वार: पितृ पक्ष चल रहा है. ऐसे में पितरों को खुश करने के लिए लोग कई उपाय अपना सकते हैं. इससे न केवल आपकी पूजा सफल होगी, बल्कि पितरों की कृपा से आपके बिगड़े काम भी आराम से सफल हो जाएंगे. शास्त्रों के अनुसार पितृ विसर्जन अमावस्या पर यदी एक खास उपाय किया जाए तो पितृ प्रसन्न होकर धरती लोक से अपने लोक चले जाते हैं और परिजनों पर सदैव कृपा बनाए रखते हैं.
हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री ने लोकल 18 को बताया कि इस साल पितृ विसर्जन अमावस्या 2 अक्टूबर को होगा. इस दिन लोग अपने दिवंगत पितरों का श्राद्ध कर्म, तर्पण, पिंडदान आदि पूरे विधि विधान से करते हैं. पितृ विसर्जन अमावस्या पर ज्ञात-अज्ञात, जिन पितरों का श्राद्ध छूट गया हो, ऐसे सभी पितरों का श्राद्ध कर्म, तर्पण, पिंडदान करके उन्हें धरती लोक से विदा किया जाता है.
शास्त्रों के अनुसार पितृ विसर्जन अमावस्या पर शाम के समय 16 दीपक सरसो के तेल से जलाने पर पितृ प्रसन्न होकर अपने परिजनों को आशीर्वाद देते हैं. 16 दीपक पितृ विसर्जन के दिन अमावस्या पर शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे या फिर गंगा किनारे जलाने से पितृ प्रसन्न होते हैं. यदि आप अपने किसी पितृ का श्राद्ध करना भूल गए हैं या अनजाने में आपको अपने किसी ऐसे पितृ का श्राद्ध करना याद नहीं रहा, उनके उद्धार के लिए पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन शाम के समय गंगा किनारे या पीपल के पेड़ के नीचे 16 दीपक जलाकर अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना करें. ऐसा करने से पितरों को शांति मिलती हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होने का शुभ फल मिलता है.
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