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पूरे देश में बज रहे हैं खतरे के ‘सायरन’…ईरान के सैकड़ों रॉकेट और मिसाइली हमलों से थर्राया इजरायल

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Israel-Iran War: बारूद के ऊपर बैठा मध्य पूर्व लगता है अब भयंकर रूप से जलने लगा है. जिस बात का डर था वही हो गया है. अपने लोगों की हत्या से गुस्साए ईरान ने इजरायल के ऊपर सैकड़ों मिसाइलों और रॉकेट के जरिए हमला बोला है. ईरानी हमलों के बाद इजरायली सेना हाई अलर्ट पर है, पूरे देश में सायरन के साउंड सुनाई दे रहे हैं. ईरान के हमले पर इजरायल ने कहा है कि वह अपने लोगों की सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय कर रही है. आईडीएफ ने एहतियातन अपने लोगों से बंकर में छिप जाने को कहा है.

टाइम्स ऑफ इजरायल की खबर के अनुसार, इजरायली सेना ने कहा कि मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने के बीच ईरान ने इजरायल की ओर 100 से अधिक मिसाइलें दागीं हैं. इस कारण  पूरे देश में सायरन बजने लगे और व्यापक स्तर पर आपातकालीन प्रतिक्रियाएँ शुरू हो गईं हैं.

हम आपके साथ खड़े हैं 
इजरायल के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि कुछ समय पहले ईरान से इजरायल की ओर मिसाइलें दागी गईं. इजरायलियों को सतर्क रहने और होम फ्रंट कमांड के निर्देशों का ठीक से पालन करने का निर्देश दिया गया है.  पिछलेकुछ मिनटों में, होम फ्रंट कमांड ने देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में जीवन रक्षक निर्देश भेजे गए हैं. आईडीएफ इजरायल के नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और करेगा. इजरायल ने कहा कि क्षेत्र में तनाव बढ़ने के कारण लाखों इजराइली वर्तमान में बम आश्रयों में शरण ले रहे हैं.  इजराइल ने ट्वीट किया कि पूरे इजरायल में हमारे भाइयों और बहनों, हम आप सभी के साथ खड़े हैं.

हिजबुल्लाह के खिलाफ तेज हुई लड़ाई
यह हमला इजरायली सेना द्वारा मंगलवार को लेबनान में ईरान समर्थित आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के खिलाफ जमीनी अभियान शुरू करने के बाद हुआ है, जिससे एक सप्ताह तक चले गहन हवाई हमलों के बाद संघर्ष और बढ़ गया है जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे.

हमले पर क्या बोला ईरान?

तेहरान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल के खिलाफ हमला करने के बाद ईरान ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि इस्माइल हानिया, सैयद हसन नसरल्लाह और शहीद निलफूरूशान की शहादत के जवाब में हमने इजरायली कब्जे वाले क्षेत्रों को निशाना बनाया है.

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने मंगलवार को एक्स पर लिखा कि इजरायल पर ईरान का हमला आतंकवादी कृत्यों के प्रति कानूनी, तर्कसंगत और वैध प्रतिक्रिया है.  मिशन ने लिखा कि यदि ज़ायोनी शासन ने जवाब देने या आगे भी दुष्टतापूर्ण कार्य करने का दुस्साहस किया, तो इसके बाद एक विनाशकारी प्रतिक्रिया होगी.  क्षेत्रीय राज्यों और ज़ायोनी समर्थकों को सलाह दी जाती है कि वे शासन से अलग हो जाएं.

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