श्रीलंका में वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके होंगे राष्ट्रपति, चीन के हैं करीबी…
श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में वामपंथी पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट पार्टी के 55 वर्षीय नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को चुनाव का विजेता घोषित किया गया है।
दिसानायके ने एक्स पर पोस्ट करके लिखा कि यह जीत हम सबकी है। पिछले सालों में आर्थिक रूप से चुनौतियों और फिर राजनीतिक रूप से अस्त-व्यस्त हो जाने के बाद श्रीलंका का यह पहला चुनाव था।
सरकार के खिलाफ आंदोलन में दिसानायके ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इस राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें जनता के उसी समर्थन का फल मिला, क्योंकि पिछले चुनाव में दिसानायके की पार्टी को केवल तीन फीसदी वोट मिले थे। इन्हें चीन का समर्थक माना जाता है।
चुनाव परिणाम घोषित करते हुए श्रीलंका के चुनाव आयोग ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट के अनुरा कुमारा दिसानायके ने शनिवार को 42.31 प्रतिशत वोट के साथ राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है।
इनके विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा 32.76 प्रतिशत वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। देश के आर्थिक संकट के बाद सत्ता संभालने वाले राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने हार को अभी तक स्वीकार नहीं किया लेकिन विदेश मंत्री अली साबरी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि यह स्पष्ट है कि दिसानायके चुनाव जीत गए हैं।
अली साबरी ने कहा कि हालांकि मैंने रानिल विक्रमसिंघे के लिए भारी प्रचार कि या लेकिन श्रीलंका के लोगों ने अपना निर्णय ले लिया है और मैं दिसानायके के लिए जनता के जनादेश का पूरा सम्मान करता हूं।
श्रीलंका के चुनाव आयोग के अधिकारियों की तरफ से कहा गया है कि दिसानायके को सोमवार को सुबह कोलंबो के राष्ट्रपति सचिवायल में शपथ दिलाई जाएगी।
धार्मिक मुद्दों की जगह आर्थिक मुद्दे रहे हावी
श्रीलंका में इस पूरे राष्ट्रपति चुनावों के दौरान आर्थिक मुद्दे सबसे ज्यादा हावी रहे। दो साल पहले आर्थिक रूप से सबसे बुरे दौर का सामना करने वाली श्रीलंका ने चुनावी मुद्दे के रूप में इसे ही सबसे ज्यादा महत्व दिया।
आईएमएफ के साथ की गई डील पर दिसानायके की पार्टी की तरफ से कहा गया कि हम इस सौदे को तोडेंगे नहीं लेकिन हम इस पर चर्चा जरूर करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमनें इस चुनाव में इनकम टैक्स को कम करने का वादा किया था, जो कि विक्रमसिंघे ने दोगुना कर दिया था और इसके साथ ही भोजन और दवाओं पर लगने वाले टैक्स को भी कम करेंगे।
किसी भी उम्मीदवार को नहीं मिले 50 फीसदी वोट
इससे पहले मतपत्रों की गिनती के पहले चरण में किसी भी उम्मीदवार को 50 फीसदी वोट नहीं मिले थे, जिसके कारण चुनावी नतीजों को घोषित करने में इतनी देर हुई।
दरअसल, श्रीलंका की राष्ट्रपति चुनाव प्रणाली मतदाताओं को अपनी पसंद के क्रम में अपने मतपत्रों पर तीन उम्मीदवारों को चयन करने की अनुमति देती है। इसके बाद मतपत्रों की गिनती के समय अगर कोई उम्मीदवार बहुमत हासिल नहीं करता तो शीर्ण दो उम्मीदवारों के अतिरिक्त बाकी दो को हारा हुआ घोषित कर दिया जाता है।
जिसके बाद हारे हुए उम्मीदवारों के वोटों की जांच की जाती है और उनके मिलान के बाद दोनों उम्मीदवारों के वोटों में जोड़ दिया जाता है। इसके बाद सबसे ज्यादा वोट पाने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित कर दिया जाता है।
राजपक्षे परिवार राजनीति के हाशिए पर पहुंचा
इस चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे केवल 0.7 प्रतिशत वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे। महिंदा राजपक्षे के भाई गोटबाया राजपक्षे को जनता के विद्रोह के बाद देश छोड़कर भागना पड़ा था। जब वह देश छोड़ कर भागे तो उसके पहले राजपक्षे परिवार के बहुत सारे सदस्य राजनीति का हिस्सा थे।
अनुमान है कि 1 करोड 70 लाख से अधिक योग्य श्रीलंकाई लोगों में से 75 प्रतिशत ने अगले पांच वर्षों के लिए अपने राज्य के प्रमुख का चुनाव करने के लिए शनिवार को शांतिपूर्वक अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग किया।
दो साल से कुछ अधिक समय पहले आई आर्थिक तबाही के बाद श्रीलंका में राजनीतिक उथल-पुथल मचने के बाद पहले चुनाव में रिकॉर्ड 38 उम्मीदवारों ने देश के सर्वोच्च पद के लिए प्रतिस्पर्धा की थी।
तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को जुलाई 2022 में विदेश भागना पड़ा क्योंकि देश में अभूतपूर्व भोजन और ईंधन की कमी देखी गई और अपने ऋणों पर चूक हुई। तब से विक्रमसिंघे ही देश का संचालन कर रहे थे।
श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त ने दी दिसानायके को बधाई
श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने रविवार को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मुलाकात की और उन्हें श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने पर बधाई दी।
भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “संतोष झा ने निर्वाचित राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मुलाकात की। भारत के नेतृत्व की ओर से शुभकामनाएं दीं और जनादेश हासिल करने पर उन्हें बधाई दी। श्रीलंका के साथ सभ्यतागत जुड़ाव के रूप में भारत दोनों देशों के लोगों की समृद्धि के लिए संबंधों को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
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